www.atomtoalmighty.com/.../SharirSisthtChakr.aspx
(1) मूलाधार-चक्र - मूलाधार-चक्र वह चक्र है जहाँ पर शरीर का संचालन वाली कुण्डलिनी-शक्ति से युक्त 'मूल' आधारित अथवा स्थित है। ... जो साधक साधना के माध्यम से कुण्डलिनी जागृत कर लेता है अथवा जिस साधक की स्वास-प्रस्वास रूप साधना से जागृत हो ...
(1) मूलाधार-चक्र - मूलाधार-चक्र वह चक्र है जहाँ पर शरीर का संचालन वाली कुण्डलिनी-शक्ति से युक्त 'मूल' आधारित अथवा स्थित है। ... जो साधक साधना के माध्यम से कुण्डलिनी जागृत कर लेता है अथवा जिस साधक की स्वास-प्रस्वास रूप साधना से जागृत हो ...
सात शरीर और सात चक्र—(।) | Osho Satsang.org. ओशो ...
oshosatsang.org/.../सात-शरीर-और-सात-चक्र—।/
Aug 20, 2010 - इस मूलाधार का भौतिक शरीर से केंद्रीय संबंध है; यह भौतिक शरीर का केंद्र हे। इसमूलाधार चक्र की दो संभावनाएं है। एक इसकी प्रकृतिक संभावना है, जो हमें जन्म से मिलती है। और एक साधना की संभावना है, जो साधना से उपलब्ध होती है।
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Aug 20, 2010 - इस मूलाधार का भौतिक शरीर से केंद्रीय संबंध है; यह भौतिक शरीर का केंद्र हे। इसमूलाधार चक्र की दो संभावनाएं है। एक इसकी प्रकृतिक संभावना है, जो हमें जन्म से मिलती है। और एक साधना की संभावना है, जो साधना से उपलब्ध होती है।
ध्यान में होने वाले अनुभव - Yoga Principle
www.yogaprinciple.com/.../dhyan_ke_anubhav.htm
अनेक साधकों के ध्यान में होने वाले अनुभव एकत्रित कर यहाँ वर्णन कर रहे हैं ताकि नए साधक अपनीसाधना में अपनी साधना में यदि उन ... यह कुदालिनी शक्ति सर्प की तरह साढ़े तीन फेरे लेकर शारीर के सबसे नीचे के चक्र मूलाधार चक्र में स्थित होती है.
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अनेक साधकों के ध्यान में होने वाले अनुभव एकत्रित कर यहाँ वर्णन कर रहे हैं ताकि नए साधक अपनीसाधना में अपनी साधना में यदि उन ... यह कुदालिनी शक्ति सर्प की तरह साढ़े तीन फेरे लेकर शारीर के सबसे नीचे के चक्र मूलाधार चक्र में स्थित होती है.
तंत्र और योग -९…मूलाधार चक्र | कौन सुनता है ?
https://jurawansharma.wordpress.com/.../तंत्र-और-...
Dec 31, 2009 - मूलाधार चक्र परम प्रीती की ऊर्जा पैदा करता है लेकीन जब यह ऊर्जा ऊपर चलती है और जनन-इन्द्रिय को छूती है तब इसमें ... कुण्डलिनी जागृत करनें के ध्यान में हैं तो कुछ नहीं होने वाला , उनको पहले स्वधिस्थान चक्र की साधना से गुजरना ...
https://jurawansharma.wordpress.com/.../तंत्र-और-...
Dec 31, 2009 - मूलाधार चक्र परम प्रीती की ऊर्जा पैदा करता है लेकीन जब यह ऊर्जा ऊपर चलती है और जनन-इन्द्रिय को छूती है तब इसमें ... कुण्डलिनी जागृत करनें के ध्यान में हैं तो कुछ नहीं होने वाला , उनको पहले स्वधिस्थान चक्र की साधना से गुजरना ...
कुंडलिनी क्या है और कुंडलिनी जागृत कैसे ...
www.spiritualresearchfoundation.org/.../kundalini-awa...
इसके अंतर्गत ईश्वर के लिए विभिन्न योग मार्गों द्वारा की गई साधना आती है जैसे कर्मयोग, भक्तियोग, हठयोग तथा गुरुकृपायोग । ... सुष्मना नाडी, यह मध्य नाडी है और रीढ की हड्डीके मूल (मूलाधार चक्र) से लेकर सिर के ऊपर तक जाती है; पिंगला नाडी अथवा ...
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इसके अंतर्गत ईश्वर के लिए विभिन्न योग मार्गों द्वारा की गई साधना आती है जैसे कर्मयोग, भक्तियोग, हठयोग तथा गुरुकृपायोग । ... सुष्मना नाडी, यह मध्य नाडी है और रीढ की हड्डीके मूल (मूलाधार चक्र) से लेकर सिर के ऊपर तक जाती है; पिंगला नाडी अथवा ...
विश्वामित्र: नाड़ी तंत्र एवं सात चक्र
vishwamitra-spiritualrevolution.blogspot.com/.../blog-...
Sep 14, 2012 - रीढ़ की हड्ड़ी के निचले छोर से थोड़ा सा बाहर की ओर मूलाधार नामक पहला चक्र स्थित है। ... 1-मूलाधार चक्र यदि दुर्बल हो तो कुंडलिनी अपने स्थान से नहीं उठती और यदि यह चक्र अपवित्रता ग्रसित हो तो कुंडलिनी उठने के बाद भी खिंच कर वापस ..... कुण्डलिनी साधना की महत्ता पात्रता एवं कठिनाइयाँ-V.
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Sep 14, 2012 - रीढ़ की हड्ड़ी के निचले छोर से थोड़ा सा बाहर की ओर मूलाधार नामक पहला चक्र स्थित है। ... 1-मूलाधार चक्र यदि दुर्बल हो तो कुंडलिनी अपने स्थान से नहीं उठती और यदि यह चक्र अपवित्रता ग्रसित हो तो कुंडलिनी उठने के बाद भी खिंच कर वापस ..... कुण्डलिनी साधना की महत्ता पात्रता एवं कठिनाइयाँ-V.
साधना समर (साधना के तीन सोपान ) ज्ञान ...
https://hi-in.facebook.com/.../posts/254107288046647
छोटे-छोटे शक्तिपात से व्यक्ति में यह साधना क्रम प्रारम्भ हो जाता है। यदि व्यक्ति साधना में अधिक समय लगाने लगे व चक्रो में ऊर्जा पर्याप्त मात्रा में आने लगे तो मूलाधार चक्र की ऊर्जा कुण्डलिनी पर तीव्र आघात कर उसे जगा देती हैं।
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छोटे-छोटे शक्तिपात से व्यक्ति में यह साधना क्रम प्रारम्भ हो जाता है। यदि व्यक्ति साधना में अधिक समय लगाने लगे व चक्रो में ऊर्जा पर्याप्त मात्रा में आने लगे तो मूलाधार चक्र की ऊर्जा कुण्डलिनी पर तीव्र आघात कर उसे जगा देती हैं।
कुंडलिनी साधना - AlakhNiranjan
www.alakhniranjan.org/KundaliniSadhana.html
अर्थात मूलाधार चक्र में विद्युत प्रकाश ही करोड़ों किरणों वाला, करोड़ों सूर्यो और चन्द्रमाओं के प्रकाश के समान, ... त्रिशिखिब्रहोपनिषद में शास्त्रकार ने कहा है-''योग साधना द्वारा जगाई हुई कुण्डलिनी बिजली के समान लडपती और चमकती है ।
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अर्थात मूलाधार चक्र में विद्युत प्रकाश ही करोड़ों किरणों वाला, करोड़ों सूर्यो और चन्द्रमाओं के प्रकाश के समान, ... त्रिशिखिब्रहोपनिषद में शास्त्रकार ने कहा है-''योग साधना द्वारा जगाई हुई कुण्डलिनी बिजली के समान लडपती और चमकती है ।
आधार चक्र - विकिपीडिया
https://hi.wikipedia.org/wiki/चक्रम्
विधि शास्त्रों में विभिन्न प्रकार की कक्र-साधना हैं, जिसमें अनुयायी एकत्र होकर धार्मिक अनुष्ठान किया करते हैं। ... और इसे यह नाभि चक्र के रूप में जाना जाता है और इसके अलावा मूलाधार चक्र शब्द भी पहली बार अथर्ववेद [जिस वेद से आयुर्वेद की
https://hi.wikipedia.org/wiki/चक्रम्
विधि शास्त्रों में विभिन्न प्रकार की कक्र-साधना हैं, जिसमें अनुयायी एकत्र होकर धार्मिक अनुष्ठान किया करते हैं। ... और इसे यह नाभि चक्र के रूप में जाना जाता है और इसके अलावा मूलाधार चक्र शब्द भी पहली बार अथर्ववेद [जिस वेद से आयुर्वेद की
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